एकादश भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

एकादश भाव में शनि का प्रभाव और उपाय


1.       यदि कुंडली के एकादश भाव में शुभ शनि हो तो व्यक्ति उत्तम आय वाला , शूर निरोगी , धनी , लम्बी आयु और स्थिर संपत्ति वाला प्रपंच शिरोमणि तथा अनेक आयामों सौभाग्यशालि सिद्ध होता है ।
2.       उसे स्वास्थ्य की गंभीर समस्या कभी नहीं होती । वह निश्चिन्त रहता है ।
3.       अगर एकादश भाव में शनि नीच का होतो वह आदमी हमेशा दुखी रहता है ।
4.       प्राप्त धन रुकता है तथा लाभ भी प्राप्त होता है । इच्छित विध्या पूर्ण नहीं हो पाती है ।
5.       ऐसे व्यक्ति के एकादश भाव में शनि होता है वह कुशल प्रशासक उच्च पदस्थ अधिकारी होता है । तथा समाज में सम्मान होता है ।
6.       ऐसे व्यक्ति के पास आय के कई स्त्रोत होते है । जिनसे स्थायी आमदनी होती रहती है ।
7.       परिवार में भी ऐसे व्यक्ति का सम्मान होता है । तथा जीवन के 36वें वर्ष के बाद से पूर्ण भाग्योदय होता है ।
8.       सामान्यत: एकादश भाव में शनि पुत्र संतान हेतु शुभ नहीं होता ।
9.       ऐसा शनि किसी भी कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न नहीं होने देता ।
10.   व्यक्ति को शासन से बहुमुखी स्थायी लाभ अवश्य हो सकता है ।




एकादश भाव में शनि के लाल किताब के उपाय  



·         शराब और माँस से दूर रहें ।
·         मित्र के वेश मे छुपे शत्रुओ से सावधान रहें ।
·         सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमि पर गिराएँ ।
·         परस्त्री गमन न करें ।
·         शनि यंत्र धारण करें ।
·         कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
·         कौवों को दना खिलाएँ ।
God every where present: दशम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

God every where present: दशम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

God every where present: दशम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय: 1. दशवें भाव में शनि हो तो वह आदमी न्यायप्रिय , अधिकार पाने वाला , राज्य का योग , होशियार , पेट की पीड़ा से परेशान , परि...
दशम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

दशम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

1.        दशवें भाव में शनि हो तो वह आदमी न्यायप्रिय , अधिकार पाने वाला , राज्य का योग , होशियार , पेट की पीड़ा से परेशान , परिश्रमी , लड़ाई में जीत प्राप्त करने वाला होता है ।
2.       दशम भाव में शनि की स्थिति व्यक्ति को धनवान बनाती है । नौकरी में व्यक्ति प्रगति करता है ।
3.       जीवन ऐशो – आराम से बिताना इनका ध्येय होता है ।
4.       योगी स्वभाव के ऐसे व्यक्ति परिस्थिति को समझकर कार्य करने वाले होते है ।
5.       इनके रहन – सहन में प्रदर्शन अधिक रहता है । अनेकानेक खर्चे भी आते रहते है ।
6.       माता – पिता के विचारों से मेल नहीं खाते , फलस्वरूप पारिवारिक कलह बनी रहती है ।
7.       इस भाव में शनि की स्थिति अपना एक विशेष महत्व रखती है । व्यक्ति के सम्पूर्ण कर्मक्षेत्र पर शनि के प्रभाव का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है ।
8.       इनका वैभव स्वार्जीत होता है । इन्हें कोषाधिकारी अथवा दंडाधिकारी के महत्वपूर्ण पद प्राप्त होते है ।
9.       व्यक्ति पैत्रक संपत्ति का उपयोग नहीं कर पाता , परंतु अपने व्यापार से वह भौतिक सुख – यश प्राप्त करता है ।
10.   दशम भाव में शनि पिता का नाश करता है ।
11.   भाग्योदय जन्म भूमि से दूर होता है । व्यक्ति न्यायालय , पुलिस , सेना अथवा तकनीकी कार्यो से आजीविका प्राप्त करता है ।
12.   स्थानीय प्रशासनिक संस्थाओं की सदस्यता प्राप्त हो सकती है ।


  दशम भाव में शनि के लाल किताब के उपाय 



·         पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
·         आप अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाएँ यह आप के लिए उत्तम रहेगा ।
·         पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे ।
·         आपने नाम से मकान न बनवाएँ ।
·         अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए ।
·         शनि यंत्र धारण करें ।
·         जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे ।
नवम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

नवम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय




नवम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय

1.       नवम भाव में शनि हो तो वह आदमी जड़ बुद्धि वाला , लकीन स्वभाव मीठा होता है
2.       नवम भाव में शनि होतो शनि की महादशा में महात्मा बन सकता है ।
3.       नवम भाव में शनि होतो घूमने वाला , पतला शरीर , धार्मिक , माताहीन तथा विरोधियों का नाश करने वाला होता है ।
4.       जिस मनुष्य के नवम भाव में शनि होता है । वह व्यक्ति बोलचाल एवं राजनीति में अच्छा होता है ।
5.       जीवन की प्रारंभिक विकास सामान्य ही होता है । परंतु समर्थ होने पर वह परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाकर उन्नति करता है ।
6.       जीवन का उद्देश हमेशा नजर में रहता है । तथा जो भी कार्य करता है , वह सोच – समझ कर करता है ।
7.       पढ़ाई लिखाई के समय में तथा आजीविका के लिए इसे कठोर श्रम करते रहना पड़ता है ।
8.       यह श्रम का मूल्य एवं महत्व समझता है तथा श्रम के बल पर ही उन्नति भी करता है । भाग्य इसके अनुकूल रहता है
9.       ऐसा व्यक्ति दुर्जन भी होता है ।
10.   मेष , सिंह , मिथुन , व्रश्चिक , मीन राशि पर नवम भाव में शनि से व्यक्ति 36वें वर्ष के बाद उन्नति के आवसर प्राप्त करता है ।
11.   शादी विवहा विलंब से एवं अपारंपरिक नीति से होता है । प्रवास काल में विदेशी पत्नी का भी योग सम्भव है ।





नवम भाव में शनि के लाल किताब के उपाय

·         पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
·         साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें ।
·         साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें ।
·         कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
·         हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रूप से खिलाएँ ।
·         शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले ।
God every where present: आर्थिक और व्यवसाय में सफलता के अचूक उपाय

God every where present: आर्थिक और व्यवसाय में सफलता के अचूक उपाय

God every where present: आर्थिक और व्यवसाय में सफलता के अचूक उपाय: 1. धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में हमेशा लाल वस्त्र बिछाएँ । 2. यदि आपके पास धन रुकता नहीं है तो महीने के पहले शुक्रव...
आर्थिक और व्यवसाय में सफलता के अचूक उपाय

आर्थिक और व्यवसाय में सफलता के अचूक उपाय


1.        धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में हमेशा लाल वस्त्र बिछाएँ ।
2.       यदि आपके पास धन रुकता नहीं है तो महीने के पहले शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी , नागकेसर व सिंदूर को साथ रखकर भगवती लक्ष्मीजी के चरणो से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें । फिर इसका प्रभाव देखें ।
3.       संध्या के समय गुरुवार के दिन लोबान की धूनी घर – व्यापार में देने से धन की आवक बढ़ती है ।
4.       भोजन करने से पहले गाय , कुत्ता और कौओ के लिए एकेक रोटी निकाल दें । इस क्रिया से कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा ।
5.       यदि शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से तीन गुरुवार तक गरीबों में मीठे तथा पीले चावल बांटे जाए तो शीघ्र ही धन लाभ होने लगेगा ।
6.       यदि आपके आर्थिक कार्य सिद्ध होते - होते रुक जाते हों तो पीले सूत के धागे में सफ़ेद चन्दन के 1 टुकड़े को बांधकर किसी केले के व्रक्ष पर लटका आएं । शीघ्र ही इसका प्रभाव देखने को मिल जाएगा । 
7.       शनिवार के दिन पीपल का एक अखंडित पत्ता तोड़ लें । उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से एक वर्ग के भीतर “ ह्री 
लिख दें । उसे धूप – दीप देखाकर और पत्ता मोड़कर अपने पर्स में रख लें । इसी प्रकार हर शनिवार को पर्स में पत्ता बदलते रहें । तथा पुराना पत्ता घर के बाहर किसी पवित्र स्थान पर डालते रहें । कम से कम 11 शनिवार यह क्रिया करें ।
8.   यदि आप चाहते है की आप के घर में आर्थिक संपन्नता बनी रहे और धन का आगमन कभी न रुके तो सोमवार के दिन श्मशान में स्थित महादेव मंदिर में जाकर दूध और शहद मिलाकर चढ़ाएं ।
9.   घर के मुख्य दरवाजे पर शनिवार के सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और दीपक बुझ जाने पर यदि तेल बचा हो , तो पीपल के व्रक्ष पर संध्या के समय चढ़ा दें । इस प्रकार 7 शनिवार करने से धन का अभाव नहीं रहता ।
10. काली बिल्ली की जेर को तिजोरी या गल्ले में रखकर धूप – दीप देते रहने से जीवन में कभी भी रुपया  – पैसा की कमी नहीं रहती ।
11.  कपूर एवं रोली को जलाकर उसकी राख बना लें । यह राख गल्ले में रखें , इससे व्यापार बढेगा ।
12. यदि आपका व्यवसाय कम चल रहा है तो महीने के पहले गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी , 11 गोमती चक्र , 1 चांदी का सिक्का और 11 कौड़ियाँ बांधकर 108 बार निम्नलिखित मंत्र का जप कर अपने कार्य स्थल अथवा दुकान आदि के पवित्र स्थान में राख दें । मंत्र –-
           ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः”
13.   चांदी की कटोरी में थोड़ा – सा सूखा धनिया रखकर उसमें चांदी के लक्ष्मी – गणेश की मूर्ति रखें । इस कटोरी को दुकान या व्यवसायिक स्थल से पूर्व दिशा में रख दें तथा प्रतिदिन प्रात: पाँच अगरबत्ती जलाकर इनका पूजन करें । आप का व्यवसाय तेजी से चलने लगेगा ।