नवम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय
1.
नवम भाव में शनि हो तो वह आदमी जड़ बुद्धि वाला , लकीन स्वभाव
मीठा होता है
2.
नवम भाव में शनि होतो शनि की महादशा में महात्मा बन सकता है
।
3.
नवम भाव में शनि होतो घूमने वाला , पतला शरीर
, धार्मिक , माताहीन तथा विरोधियों का नाश
करने वाला होता है ।
4.
जिस मनुष्य के नवम भाव में शनि होता है । वह व्यक्ति बोलचाल
एवं राजनीति में अच्छा होता है ।
5.
जीवन की प्रारंभिक विकास सामान्य ही होता है । परंतु समर्थ होने
पर वह परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाकर उन्नति करता है ।
6.
जीवन का उद्देश हमेशा नजर में रहता है । तथा जो भी कार्य करता
है , वह सोच – समझ कर करता है ।
7.
पढ़ाई लिखाई के समय में तथा आजीविका के लिए इसे कठोर श्रम करते
रहना पड़ता है ।
8.
यह श्रम का मूल्य एवं महत्व समझता है तथा श्रम के बल पर ही उन्नति
भी करता है । भाग्य इसके अनुकूल रहता है
9.
ऐसा व्यक्ति दुर्जन भी होता है ।
10.
मेष , सिंह , मिथुन , व्रश्चिक , मीन राशि पर नवम भाव में शनि से व्यक्ति
36वें वर्ष के बाद उन्नति के आवसर प्राप्त करता है ।
11.
शादी विवहा विलंब से एवं अपारंपरिक नीति से होता है । प्रवास
काल में विदेशी पत्नी का भी योग सम्भव है ।
नवम भाव में शनि के लाल किताब के उपाय
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पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
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साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें
।
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साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें ।
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कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें ।
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हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित
रूप से खिलाएँ ।
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शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा
डाले ।