1. जिस जातक की कुंडली में 2nd घर में शनि
हो , वह लकड़ी संबंधी व्यापार ,
कोयला एवं
लोहे के व्यापार में धन अर्जित करता हैं । उसे निंदित कार्यो तथा साधनों से प्रचुर
संपाति प्राप्त होती हैं । वह श्रेष्ठ व बिना स्वीकारी जाने वाली विधाओ का अध्यन
करता हैं ।
2. भृगु सूत्र के अनुसार दूसरे भाव में शनि से जातक निर्धन
होता हैं । आंखो की बीमारियाँ उसे कष्ट देती रहेगी । ऐसे जातक के दो विवहा भी हो
सकते हैं । जातक किसी धार्मिक स्थान का कर्ता – धर्ता होता हैं । और स्त्री वर्ग
को मूर्ख बनाकर धन इकट्टा कर्ता हैं ।
3. जातक को राजकीय
अनुकंपा भी मिलती हैं ।
4. दूसरे भाव में शनि जातक को परिवार से दूर कर्ता हैं । ऐसा
जातक सुख साधन – समार्धी की खोज में दूर देश – विदेश की यात्रा कर्ता हैं ।
उसका
भाग्योद्ये पैत्रक निवास से दूर होता हैं ।
5. जातक झूठ बोलने बाला , चंचल , बातूनी तथा दूसरों को मूर्ख बनाने में अच्छा
होता हैं ।
6. ऐसा जातक पिता के साथ रहा कर धन कभी अर्जित कभी नहीं कर
सकता ।
7. यदि शनि दूसरे घर में होतो जातक का चेहरा अच्छा न होगा ।
8. ऐसा जातक को किसी न किसी प्रकार के नशे(पान , सिगरेट , शराब आदि ) की आदत होती हैं ।
शनि के लाल किताब के उपाय
· शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे ।
शनि के लाल किताब के उपाय
· शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे ।
·
साँपो को दूध पिलाए कभी भी साँपो को परेशान न करे , न ही
मारे ।
·
दो रंग वाली गाए / भैस कभी भी न पालें ।
·
अपने ललाट पर दूध / दही का तिलक करे
·
रोज शनिवार को कडवे तेल का दान करें ।
·
शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा
डाले ।