1.
जन्मकुंडली के बारहवें घर में शनि की उपस्थिति अनिष्ट फलदायी
मानी गई है । ऐसा व्यक्ति धन से हिन , पुत्र सुख से वंचित ,
विकलांग (शरीर के किसी भाग में कुछ न कुछ परेशानी होती है ) और मूर्ख होता है ।
2.
बारहवें भाव में शनि दाँतो को तो खराब करता ही है परंतु आंखों
को भी नुकसान पहुँचता है ।
3.
शनि अगर लग्न का मालिक हो तो पैत्रक स्थान से दूर प्रगति करवाता
है ।
4.
व्यक्ति अनेकानेक व्यक्तियों का नेत्रत्व करता है ।
5.
जिस व्यक्ति के बारहवें घर में शनि हो , वह परिवार
को दुख देने वाला होता है ।
6.
उसकी आँखें छोटी – छोटी एवं निर्ल्लज होती है ।
7.
व्यक्ति का स्वभाव कड़वा , किसी पर विश्वास न करने वाला
होता है ।
8.
यात्राओं का इन्हें विशेष शौक होता है तथा यात्रा से लाभ भी
रहता है ।
9.
शिक्षा के हिसाब से व्यक्ति साधारण ही होते है ।
10.
व्यक्ति जीव जगत से विरक्त हो जाता है ।
11.
प्रथम संतान कन्या होती है ।
ऐसा व्यक्ति चिरकालिक सुयश
प्राप्त करता है ।बारहवें भाव में शनि के लाल किताब के उपाय
·
प्रथम जातक झूठ न बोले ।
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शराब और माँस से दूर रहें ।
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चार सूखे नारियल बहते पनि में परवाहित करें ।
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शनि यंत्र धारण करें ।
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शनिवार के दिन काले कुत्ते ओर गाय को रोटी खिलाएँ ।
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शनिवार को कडवे तेल , काले उड़द का दान करे ।
सर्प को दूध पिलाएँ