अँग्रेजी परिचय - सैर्टन (Saturn)
संस्कृत परिचय - छायासनु , सूर्यसुवन , नीकाय , कपिलाक्ष आदि ।
मूल त्रिकोण राशि - कुंभ
उच्च राशि - तुला
नीच राशि - मेष
जाति - शूद्र
दिशा - पश्चिम
आकृति - दीर्घ शरीर
लिंग - नपुंसक
नेत्र - सुंदर और वक्र
ऋतु - शिशिर
प्रतिनिधि पशु - भैसा
अवस्था - अतिव्रद्ध
द्रष्टि भाव - 3 ,7, 10
मित्र ग्रह - बुध , शुक्र
शत्रु ग्रह - सूर्य , चंद्रमा , मंगल
सम ग्रह - गुरु
कारक भाव - 6,8,10,12
कारक तत्व - रोग , मृत्यु , लोहा , मशीनरी , कृषि कार्य
रुद्राक्ष - सातमुखी
स्वभाव - पाप
समिधा - शमी
पुष्प - काला पुष्प
गुण - तमोगुण
शनि देव के पितश्री - सूर्य देव
माता - छाया (सुवर्णा)
शनि देव के भाई - यमराज
बहन - यमुना
गुरु - शिवजी
गोत्र - कश्यप
जन्म स्थल - सौराष्ट्र
रंग - श्याम – कृष्ण
शनि का स्वभाव - गंभीर , त्यागी , तपस्वी , हठी, क्रोधी
शनि के प्रिय सखा - कालभेरव, हनुमानजी , बुध , राहु
अधिपति - रात
शनि का कार्य क्षेत्र - धरती का न्यायदाता
शनि का प्रिय दिन - शनिवार
तिथि - अमावस
शनि के नक्षत्र - अनुराधा , पुष्य ,उत्तभाद्रपद
रत्न - नीलम
शनि की प्रिय वस्तुए - काला तेल , गुड़, उड़द , खट्टा आदि
निदान - शनिवार के दिन संध्या या रात , दीन-हीन ,गरीब , बूढ़े व्यक्ति को शनि की प्रिय वस्तु दान में दे ।