1.
दशवें भाव में शनि हो तो वह आदमी न्यायप्रिय ,
अधिकार पाने वाला , राज्य का योग ,
होशियार , पेट की पीड़ा से परेशान ,
परिश्रमी , लड़ाई में जीत प्राप्त करने वाला होता है ।
2.
दशम भाव में शनि की स्थिति व्यक्ति को धनवान बनाती है । नौकरी
में व्यक्ति प्रगति करता है ।
3.
जीवन ऐशो – आराम से बिताना इनका ध्येय होता है ।
4.
योगी स्वभाव के ऐसे व्यक्ति परिस्थिति को समझकर कार्य करने वाले
होते है ।
5.
इनके रहन – सहन में प्रदर्शन अधिक रहता है । अनेकानेक खर्चे
भी आते रहते है ।
6.
माता – पिता के विचारों से मेल नहीं खाते , फलस्वरूप
पारिवारिक कलह बनी रहती है ।
7.
इस भाव में शनि की स्थिति अपना एक विशेष महत्व रखती है । व्यक्ति
के सम्पूर्ण कर्मक्षेत्र पर शनि के प्रभाव का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव दिखाई
देता है ।
8.
इनका वैभव स्वार्जीत होता है । इन्हें कोषाधिकारी अथवा दंडाधिकारी
के महत्वपूर्ण पद प्राप्त होते है ।
9.
व्यक्ति पैत्रक संपत्ति का उपयोग नहीं कर पाता , परंतु
अपने व्यापार से वह भौतिक सुख – यश प्राप्त करता है ।
10.
दशम भाव में शनि पिता का नाश करता है ।
11.
भाग्योदय जन्म भूमि से दूर होता है । व्यक्ति न्यायालय , पुलिस
, सेना अथवा तकनीकी कार्यो से आजीविका प्राप्त करता है ।
12.
स्थानीय प्रशासनिक संस्थाओं की सदस्यता प्राप्त हो सकती है ।
दशम भाव में शनि के लाल किताब के उपाय
·
पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें ।
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आप अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाएँ यह आप के लिए उत्तम रहेगा ।
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पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे ।
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आपने नाम से मकान न बनवाएँ ।
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अपने ललाट
पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए ।
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शनि यंत्र धारण करें ।
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जब भी आपको
समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे ।