शत्रु नाशक यन्त्र



इस यंत्र को जो मनुष्य धारण करता हैं । उस मनुष्य का शत्रु उससे शत्रुता करना छोड़ देता हैं


विधान एवं प्रभाव :- 

इस यंत्र को जो मनुष्य धारण करता हैं । उस मनुष्य का शत्रु उससे शत्रुता करना छोड़ देता हैं और अगर नहीं छोड़ता है तो नष्ट हो जाता हैं । तंत्र मंत्र आदि अभिचार का का प्रभाव नहीं पड़ता है । भूत प्रेत बाधा नहीं होती । और मनुष्य जो भी कार्य करता हैं उस में उसको सफलता प्राप्त होती हैं । 

इस यंत्र को शुभ महूर्त मीन अष्टगंध की स्याही से अनार की कलम द्वारा भोजपत्र पर निर्माण करें तथा निर्माण करते वक़्त अपने मुंह में मिस्री रखें । तथा घी का दीपक जलता रहे । 

मंत्र  :-           "   धूं कुरु कुरु फट्  "

आम की लकड़ी पर उपर दिये मंत्र से हवन करें 108 आहुति इस मंत्र की दें । यंत्र को धूपित कर धारण करें । यंत्र अपना प्रभाव तुरंत प्रकट करने लगता हैं । 


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